DA Hike – केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी आ रही है। जुलाई से दिसंबर 2025 के बीच महंगाई भत्ते (डीए) में करीब 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका मतलब है कि देश के लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स अपनी सैलरी में अच्छा खासा इजाफा देखेंगे। मार्च 2025 में सरकार ने जनवरी-जून 2025 के लिए महंगाई भत्ते में केवल 2 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी, जो पिछले 78 महीनों में सबसे कम थी। लेकिन अब नए आंकड़ों की वजह से उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई से महंगाई भत्ता बढ़कर 57 से 58 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
महंगाई भत्ता होता क्या है?
महंगाई भत्ता या DA, सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया जाने वाला एक अतिरिक्त पैसा होता है, जिससे महंगाई यानी कीमतों में बढ़ोतरी का असर कम हो सके। साल में दो बार यह भत्ता बढ़ाया जाता है ताकि बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति प्रभावित न हो। जनवरी-जून की अवधि के लिए मार्च में और जुलाई-दिसंबर की अवधि के लिए अक्टूबर या नवंबर में इसका ऐलान किया जाता है।
अभी का महंगाई भत्ता और आने वाली बढ़ोतरी
अभी मार्च 2025 से लागू महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत है। लेकिन आने वाले महीनों के आंकड़ों के मुताबिक यह बढ़कर 57 या 58 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इसका मतलब ये है कि कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा खासा बढ़ोतरी होगी और वे महंगाई के दबाव से थोड़ी राहत महसूस करेंगे।
महंगाई भत्ते की गणना कैसे होती है?
महंगाई भत्ते की गणना एक फॉर्मूले के जरिए की जाती है, जिसमें औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाता है। 7वें वेतन आयोग ने इसका फॉर्मूला बनाया है। इसमें पिछले 12 महीनों के औसत CPI-IW को आधार बनाकर महंगाई भत्ते की प्रतिशतता तय की जाती है। यह पद्धति सुनिश्चित करती है कि महंगाई में जो बदलाव होता है, उसका असर कर्मचारियों की सैलरी में सही तरीके से दिखे।
मार्च 2025 के आंकड़े क्या कहते हैं?
मार्च 2025 में CPI-IW इंडेक्स 143.0 रहा, जो नवंबर 2024 से गिरावट के बाद थोड़ा बढ़ा है। सालाना महंगाई दर मार्च में करीब 2.95 प्रतिशत रही। खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई में कमी के कारण यह बढ़ोतरी थोड़ी धीमी रही। इन आंकड़ों के आधार पर जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए महंगाई भत्ते में 2 से 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है।
सैलरी में कितना फर्क पड़ेगा?
अगर महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में सालाना लगभग 6480 रुपये तक का इजाफा होगा। उदाहरण के लिए, जिसकी बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, उसका महंगाई भत्ता बढ़कर 10,440 रुपये प्रति माह तक पहुंच जाएगा। इससे कर्मचारियों की खरीद क्षमता बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
8वें वेतन आयोग की उम्मीदें
केंद्र सरकार लगभग हर 10 साल बाद नया वेतन आयोग बनाती है। 7वां वेतन आयोग इस साल दिसंबर में खत्म हो रहा है और जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के नियम लागू होने की संभावना है। हालांकि, अभी तक इसके बारे में कोई पक्का निर्णय नहीं हुआ है। 8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों को वेतन और भत्तों में और बेहतर बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है।
महंगाई भत्ते का महत्व
महंगाई भत्ता कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा का अहम हिस्सा है। महंगाई के चलते बढ़ती कीमतों से उनके जीवन यापन पर जो असर पड़ता है, उसे कम करना इसका मकसद है। इस भत्ते की बढ़ोतरी से कर्मचारी अपने परिवार का खर्चा, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य जरूरी खर्च आसानी से संभाल पाते हैं। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से न सिर्फ कर्मचारियों की जिंदगी सुधरती है, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होता है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
जब 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स के हाथों में ज्यादा पैसा आता है, तो वे ज्यादा खर्च करते हैं। इससे बाजार में मांग बढ़ती है, जो खुदरा, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देती है। साथ ही, सरकार को कर राजस्व भी बढ़ता है, जो विकास योजनाओं और जनकल्याण के लिए काम आता है।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
मार्च 2025 में 2 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों में निराशा थी क्योंकि यह पिछले कई महीनों में सबसे कम वृद्धि थी। लेकिन जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद से वे अब थोड़ा उत्साहित हैं। कर्मचारी संघ मानते हैं कि यह वृद्धि महंगाई की तुलना में कम है, लेकिन फिर भी राहत देने वाली है। वे 8वें वेतन आयोग से बेहतर वेतन और भत्तों की उम्मीद भी कर रहे हैं।
महंगाई भत्ते में यह संभावित 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी सरकार की कर्मचारियों की भलाई और उनकी आर्थिक सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे कर्मचारियों की जिंदगी बेहतर होगी और वे महंगाई के प्रभाव से बेहतर ढंग से निपट पाएंगे। साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था को भी इससे मजबूती मिलेगी। हालांकि, सही और आधिकारिक फैसला सरकार के हाथ में है, इसलिए कर्मचारियों को सरकारी घोषणा का इंतजार करना होगा।