Awas Plus Registration 2025 : भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्के घर देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना के तहत अब 2025 में नए आवेदन शुरू हो चुके हैं। जो लोग अभी भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन मौका है।
योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना की शुरुआत साल 2015 में हुई थी, और इसका मकसद है कि 2029 तक हर गरीब परिवार को एक पक्का घर मिल सके। योजना दो हिस्सों में बंटी है:
-
PMAY-G (ग्रामीण क्षेत्रों के लिए)
-
PMAY-U (शहरी क्षेत्रों के लिए)
ग्रामीण इलाकों में लोगों को 1.30 लाख रुपये तक की मदद मिलती है और शहरी क्षेत्रों में यह राशि 2.50 लाख रुपये तक हो सकती है। 2025 में सरकार ने 3 करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिनमें से 2 करोड़ घर गांवों में बनेंगे।
अब मोबाइल ऐप से भी करें आवेदन
सरकार ने इस बार आवेदन प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए “आवास प्लस 2024” मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप से घर बैठे आवेदन किया जा सकता है। यह ऐप आधार नंबर और फेस रिकग्निशन तकनीक से काम करता है। प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है।
पहले आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 मई 2025 कर दिया गया है।
पात्रता और जरूरी शर्तें
इस योजना का फायदा उठाने के लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी:
-
आपके पास पक्का घर नहीं होना चाहिए।
-
आप कच्चे मकान में रह रहे हों या झोपड़ी में।
-
परिवार की सालाना आय:
-
EWS (निम्न वर्ग): 3 लाख रुपये तक
-
LIG (कम आय वर्ग): 3-6 लाख रुपये
-
MIG (मध्यम आय वर्ग): 6-12 लाख रुपये
-
-
आप भारत के स्थायी नागरिक हों और पहले किसी आवास योजना का लाभ न लिया हो।
कैसे करें आवेदन?
ऑनलाइन आवेदन:
-
pmaymis.gov.in वेबसाइट पर जाएं या “Awaas Plus 2024” ऐप डाउनलोड करें।
-
आधार नंबर डालें और चेहरा स्कैन करें।
-
जरूरी जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
जरूरी दस्तावेज:
-
आधार कार्ड
-
बैंक पासबुक
-
पति-पत्नी की संयुक्त फोटो
-
आय प्रमाण पत्र
ऑफलाइन आवेदन:
आप नजदीकी ग्राम पंचायत, ब्लॉक कार्यालय या CSC केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
योजना की अब तक की सफलता
अब तक इस योजना के तहत 2.69 करोड़ घर बन चुके हैं और सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक 4.95 करोड़ घर बनाए जाएं। सिर्फ घर ही नहीं, इस योजना के तहत LPG गैस, बिजली और पानी की सुविधा भी मिलती है।
यह योजना गरीबों को आर्थिक सुरक्षा, गरिमा और आत्मनिर्भरता देने का एक मजबूत जरिया बन गई है।