Cheque Bounce New Rules – अगर आप भी लेनदेन के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अब अगर किसी का चेक बाउंस होता है, तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है और भारी जुर्माना भी भरना पड़ेगा। सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 में बड़ा बदलाव किया है, और नए नियम अब 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुके हैं।
अब जेल और दुगना जुर्माना तय
पहले चेक बाउंस होने पर कानूनी कार्रवाई तो होती थी, लेकिन अब सरकार ने सजा को और कड़ा कर दिया है। अब जानबूझकर चेक बाउंस करने पर दो साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही जितनी रकम का चेक बाउंस हुआ है, उसका दुगना जुर्माना भी देना पड़ेगा। जैसे अगर किसी ने एक लाख रुपये का चेक दिया और वह बाउंस हो गया, तो उसे दो लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा कोर्ट फीस और वकील का खर्चा भी देना होगा।
केस दर्ज कराने के लिए तीन महीने का समय
पहले चेक बाउंस की शिकायत दर्ज कराने के लिए केवल एक महीने का समय मिलता था, लेकिन अब यह समय बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया है। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो केस दर्ज कराने में समय नहीं निकाल पाते। मद्रास हाई कोर्ट ने भी कहा है कि ऐसे मामलों में सुनवाई में तेजी लाई जाए ताकि लोग न्याय के लिए लंबे समय तक इंतजार न करें।
अब ऑनलाइन भी कर सकते हैं शिकायत
अब जमाना डिजिटल हो गया है, तो सरकार ने भी शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। अब आप चेक बाउंस की शिकायत ऑनलाइन भी दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही डिजिटल सबूत जैसे ईमेल, मैसेज या ऑनलाइन बैंक स्टेटमेंट को भी कोर्ट में मान्यता मिल गई है। इससे कोर्ट के चक्कर कम लगेंगे और प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
बैंक देगा पूरी जानकारी
अब सभी बैंकों को चेक बाउंस के बाद 24 घंटे के अंदर ग्राहक को ईमेल और मैसेज भेजकर सूचित करना होगा। इसमें चेक बाउंस होने की वजह भी बतानी होगी जैसे बैलेंस की कमी, सिग्नेचर मिसमैच या तारीख गलत होना। इससे खाताधारक को तुरंत पता चल जाएगा कि क्या गलती हुई और आगे कैसे बचा जाए।
तीन बार चेक बाउंस तो खाता बंद
अगर किसी का चेक तीन बार बाउंस हो गया, तो अब उसके बैंक खाते को बंद भी किया जा सकता है। यह नियम काफी सख्त है और इसका असर सीधा व्यापारियों और ऐसे लोगों पर पड़ेगा जो बार-बार बिना सोच-समझ के चेक देते हैं। खाता बंद होने का मतलब यह भी हो सकता है कि अगली बार नया खाता खोलने में परेशानी हो सकती है।
चेक बाउंस से बचने के कुछ आसान टिप्स
- हमेशा खाते में उतनी रकम रखें जितना चेक में लिखा हो, बेहतर है कि 10 से 15 प्रतिशत अधिक रखें
- चेक पर तारीख, नाम और रकम सही-सही भरें
- फटा या पुराना चेक न दें
- दो लाइन खींचकर “Account Payee” जरूर लिखें
- अगर भुगतान में देरी हो सकती है, तो पहले से सूचित करें
जुर्माने की रकम भी बढ़ी
अब बैंक भी अपने नियमों के हिसाब से जुर्माना वसूल सकते हैं, जो 100 रुपये से लेकर 750 रुपये तक हो सकता है। अगर बार-बार ऐसा होता है, तो यह जुर्माना और भी बढ़ सकता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो चेक बाउंस अब सिर्फ इज्जत का नहीं, जेब का भी सवाल बन चुका है।
व्यापारी और कारोबारियों को खास ध्यान देने की जरूरत
चेक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल व्यापारी करते हैं, इसलिए उन्हें अब और सतर्क रहना होगा। अगर उनका चेक बाउंस होता है, तो न सिर्फ उनकी साख खराब होगी बल्कि खाता बंद होने का खतरा भी रहेगा। अब धीरे-धीरे व्यापारी डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ रहे हैं जैसे UPI, NEFT और RTGS ताकि इस झंझट से बच सकें।
ये नए नियम धोखाधड़ी रोकने और वित्तीय अनुशासन लाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। लेकिन इसके साथ ही सरकार, बैंक और समाज को मिलकर जागरूकता बढ़ानी होगी। लोग जितना इन नियमों को समझेंगे, उतना ही जोखिम से बच सकेंगे।