Petrol-Diesel Price – भारत में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम अब लोगों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। हालत ये है कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के लोग अब पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा जाकर सस्ते दामों पर पेट्रोल-डीजल खरीद रहे हैं। पंजाब से तो पेट्रोल करीब 8 रुपए 49 पैसे और डीजल 3 रुपए 54 पैसे सस्ता मिल रहा है। यही वजह है कि राजस्थान के बॉर्डर से सटे इलाकों में पेट्रोल पंप पर दिनभर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
पंजाब सीमा के पेट्रोल पंपों पर लगी वाहनों की भीड़
श्रीगंगानगर से महज 8 किलोमीटर दूर अबोहर रोड पर जब पंजाब की सीमा शुरू होती है, तो वहां एक के बाद एक चार पेट्रोल पंप दिख जाते हैं। इन पंपों पर सुबह से देर रात तक गाड़ियों की लंबी लाइन लगी रहती है। लोग सिर्फ अपने वाहनों में ईंधन नहीं भरवा रहे, बल्कि कई तो बड़े-बड़े कैन और ड्रम में पेट्रोल-डीजल भरवा कर वापस राजस्थान में सप्लाई कर रहे हैं।
यहां तक कि श्रीगंगानगर से बीकानेर तक लोग थोक में सस्ता पेट्रोल-डीजल पहुंचा रहे हैं। कुछ फुटकर व्यापारी भी इस मौके का फायदा उठाकर इसे बैरल प्वाइंट बनाकर बेच रहे हैं। जाहिर है, ये सब कुछ अनधिकृत और अवैध तरीके से हो रहा है, जिससे सरकार को राजस्व में नुकसान हो रहा है और स्थानीय पेट्रोल पंपों की बिक्री भी घट गई है।
राजस्थान में टैक्स ज्यादा, इसलिए महंगा ईंधन
राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की दरें देश के बाकी राज्यों से ज्यादा हैं। इसी वजह से यहां ईंधन की कीमतें ज्यादा हैं। अगर बात करें पंजाब की, तो वहां टैक्स कम होने की वजह से पेट्रोल और डीजल दोनों काफी सस्ते मिलते हैं। यही वजह है कि राजस्थान के बॉर्डर इलाके के लोग खुद को चतुर समझते हुए पड़ोसी राज्य से ही ईंधन खरीद रहे हैं।
हनुमानगढ़ में भी चल रहा है यही खेल
श्रीगंगानगर की तरह हनुमानगढ़ में भी सस्ता पेट्रोल-डीजल लाने का खेल खुलेआम चल रहा है। यहां के लोग हरियाणा की सीमा के पास बसे गांवों जैसे चौटाला, आशाखेड़ा और अबूबशहर से ईंधन खरीद कर ला रहे हैं। हनुमानगढ़ के संगरिया क्षेत्र से हरियाणा बॉर्डर महज 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है, और हरियाणा में ईंधन की कीमत राजस्थान के मुकाबले करीब 10 रुपए कम है।
यह भी देखा गया है कि जो लोग दिल्ली या हरियाणा की ओर यात्रा करते हैं, वो श्रीगंगानगर से 75 किलोमीटर दूर जाकर हरियाणा से पेट्रोल-डीजल भरवाना ज्यादा पसंद करते हैं।
डीलर्स बोले, टैक्स घटाओ तभी रुकेगी चोरी
श्रीगंगानगर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष गुप्ता का कहना है कि ये स्थिति कोई नई नहीं है। उन्होंने बताया कि इस विषय में कई बार राज्य और केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजे गए हैं। मगर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उनका मानना है कि जब तक राजस्थान सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटाएगी, तब तक इस तरह की अवैध बिक्री बंद नहीं हो सकती। सरकार की ओर से कभी-कभी कार्रवाई जरूर की जाती है, लेकिन वो भी सिर्फ दिखावे की होती है। नतीजा ये है कि अवैध बैरल प्वाइंट बढ़ते जा रहे हैं और स्थानीय पेट्रोल पंप वालों का धंधा चौपट हो रहा है।
राजस्व का भी हो रहा है नुकसान
इस तरह की अनाधिकृत बिक्री से सबसे बड़ा नुकसान राजस्थान सरकार को हो रहा है। राज्य को ईंधन की बिक्री पर जो टैक्स मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पा रहा है। वहीं, जो पंप वैध तरीके से कारोबार कर रहे हैं, उन्हें भी ग्राहक नहीं मिल रहे।
कई पेट्रोल पंप मालिकों ने बताया कि जब ग्राहक को 8 से 10 रुपए प्रति लीटर का फर्क मिलता है, तो वो क्यों नहीं दूसरी जगह से भरवाएगा। खासकर वो लोग जो रोजाना या ज्यादा सफर करते हैं, वो हमेशा सस्ती जगह से ही पेट्रोल खरीदना चाहेंगे।
सरकार को जल्द कदम उठाना होगा
अब जरूरत है कि राजस्थान सरकार इस विषय को गंभीरता से ले और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की समीक्षा करे। अगर टैक्स कम किया जाए, तो न सिर्फ अवैध बिक्री रुकेगी, बल्कि सरकारी राजस्व भी बढ़ेगा और स्थानीय डीलर्स को राहत मिलेगी।
इसके अलावा राज्य सरकार को सीमा क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी ताकि थोक में ईंधन की तस्करी न हो सके।
राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतें अब राज्य के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। जब तक सरकार टैक्स में राहत नहीं देती, तब तक पंजाब और हरियाणा से ईंधन लाकर यहां बेचना बंद नहीं होगा। इससे सिर्फ राजस्व का नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि पेट्रोलियम सेक्टर की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।