Gold Price Today – अगर आप भी सोना खरीदने की सोच रहे हैं या फिर चांदी में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। पिछले कुछ दिनों से सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी देखी जा रही है। बाजार में हलचल मची हुई है और हर कोई यही जानना चाह रहा है कि आखिर क्या कारण है इस तेजी का। खासकर 19 मई को सरकार ने कीमती धातुओं के आयात को लेकर जो नए नियम बनाए हैं, उसका सीधा असर अब बाजार पर साफ नजर आने लगा है।
सोना फिर बना निवेशकों की पहली पसंद
21 मई को सोने की कीमत में जबरदस्त उछाल देखा गया। सुबह के वक्त MCX पर 24 कैरेट सोना 509 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 95,344 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। यही नहीं, दिन में सोने ने 95,379 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऊपरी स्तर भी छू लिया। ये आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि निवेशकों का भरोसा फिर से सोने पर जम गया है।
सोना हमेशा से ही एक सुरक्षित निवेश का जरिया माना जाता है, और जब भी बाजार में अस्थिरता या किसी तरह की अनिश्चितता आती है, तो लोग सोने की तरफ रुख करते हैं।
चांदी की कीमतों में भी तगड़ी छलांग
सिर्फ सोना ही नहीं, चांदी भी पीछे नहीं रही। 21 मई को चांदी की कीमत 97,447 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई और दिन के दौरान 97,654 रुपये प्रति किलो का हाई भी देखा गया। चांदी की ये कीमत अब तक की सबसे ऊंची मानी जा रही है।
ये लगातार बढ़ती कीमतें दिखा रही हैं कि सिर्फ आम निवेशक ही नहीं, बल्कि बड़े व्यापारी और ज्वैलर्स भी इन धातुओं में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सरकार के नए आयात नियम क्या हैं
अब बात करते हैं उन नए नियमों की जिनकी वजह से ये सारी हलचल हो रही है। 19 मई को सरकार ने सोना, चांदी और प्लैटिनम जैसे कीमती धातुओं के आयात को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए।
अब सिर्फ कुछ ही संस्थाएं इन धातुओं का आयात कर पाएंगी। इनमें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नामित एजेंसियां, डीजीएफटी (Directorate General of Foreign Trade) द्वारा मंजूरी प्राप्त एजेंसियां और भारत-यूएई ट्रेड एग्रीमेंट के तहत टैरिफ रेट कोटा पाने वाले शामिल हैं।
सरकार का यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इन धातुओं के आयात पर बेहतर नियंत्रण हो सके और इसका दुरुपयोग न हो।
सरकार क्या चाहती है
जानकारों का कहना है कि सरकार चाहती है कि जो भी सोना, चांदी या प्लैटिनम देश में आए, वह पूरी तरह ट्रैक किया जा सके। इसके अलावा सरकार यह भी चाहती है कि रियायती दर पर होने वाले आयात का गलत फायदा कोई न उठा सके।
अजय केडिया, जो कि केडिया एडवाइजरी के निदेशक हैं, उन्होंने कहा कि सरकार इस कदम से पारदर्शिता लाना चाहती है ताकि यह साफ हो कि कौन कितना और कैसे सोना देश में ला रहा है।
क्या होगा आगे
कमोडिटी मार्केट के एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी तो ये शुरुआत है। अगर आयात में कोई रुकावट आती है और बाजार में सोने और चांदी की सप्लाई कम होती है, तो कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
आने वाले समय में शादी-ब्याह का सीजन भी शुरू हो जाएगा और भारत में इस समय सोने-चांदी की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में अगर सप्लाई सीमित रही और मांग बढ़ी, तो भाव और चढ़ सकते हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए
इस समय निवेशकों के लिए जरूरी है कि वो जल्दबाजी न करें। अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो बाजार की चाल को समझें और थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें।
विशेषज्ञों की सलाह है कि सोने और चांदी में लंबी अवधि के लिए निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन मौजूदा उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर कदम उठाना जरूरी है।
ज्वैलर्स को भी सलाह दी जा रही है कि वो फिलहाल स्टॉक जमा करने में जल्दबाजी न करें, क्योंकि अगर सरकार की तरफ से कोई नया कदम आया तो बाजार में बदलाव भी हो सकता है।
फिलहाल बाजार में सोने और चांदी की कीमतें ऊपर की ओर ही जा रही हैं और ये ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है। आयात नियमों में बदलाव का असर अभी और गहराएगा, जिससे निवेशकों और व्यापारियों दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।