Minimum Balance Limit – अगर आपका खाता SBI, PNB, HDFC या ICICI जैसे बड़े बैंकों में है, तो यह खबर आपके काम की है। आजकल हर बैंक अपने ग्राहकों से कुछ जरूरी नियमों को मानने की उम्मीद करता है, और उन्हीं में से एक है “मिनिमम बैलेंस” बनाए रखना। अगर आप ऐसा नहीं करते, तो आपके अकाउंट पर जुर्माना भी लग सकता है।
बैंकों ने हर जगह के लिए अलग-अलग मिनिमम बैलेंस की लिमिट तय की है। मेट्रो सिटी, टियर 2 शहर या फिर गांव – हर जगह के लिए अलग नियम हैं। चलिए आपको एक-एक करके बताते हैं कि कौन-से बैंक में क्या नियम हैं और जुर्माना कितना भरना पड़ सकता है।
SBI – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI में अगर आपका बचत खाता है, तो आपको मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी है।
- अगर खाता मेट्रो शहर में है, तो 3000 रुपये का बैलेंस जरूरी है।
- छोटे शहर यानी अर्धशहरी इलाकों में ये लिमिट 2000 रुपये है।
- वहीं, ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 1000 रुपये का बैलेंस काफी है।
हालांकि, राहत की बात यह है कि अब SBI ने ज्यादातर सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने का नियम खत्म कर दिया है। यानी जुर्माना नहीं लगेगा। लेकिन फिर भी आपको ये नियम चेक करना चाहिए कि आपका अकाउंट किस कैटेगरी में आता है।
PNB – पंजाब नेशनल बैंक
PNB के ग्राहकों के लिए भी कुछ खास नियम हैं।
- मेट्रो शहर में अकाउंट है, तो 2000 रुपये का मिनिमम बैलेंस जरूरी है।
- गांव या ग्रामीण इलाकों की शाखा में खाता है, तो 1000 रुपये रखना होगा।
अगर आपने ये लिमिट फॉलो नहीं की, तो जुर्माना लग सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि थोड़ा सा बैलेंस बचाकर रखें ताकि अचानक कटौती ना हो।
HDFC बैंक
अब बात करते हैं HDFC बैंक की, जो प्राइवेट सेक्टर का जाना-माना नाम है। यहां मिनिमम बैलेंस की लिमिट थोड़ी ज्यादा है।
- मेट्रो शहरों में जिनका खाता है, उन्हें 10,000 रुपये बैलेंस रखना होता है।
- टियर 2 शहरों और ग्रामीण इलाकों में ये लिमिट 2500 से 5000 रुपये तक हो सकती है, जो अकाउंट टाइप पर भी निर्भर करता है।
अगर आपका बैलेंस इससे कम हुआ, तो हर महीने 150 से 600 रुपये तक जुर्माना लग सकता है।
ICICI बैंक
ICICI बैंक भी HDFC की ही तरह प्राइवेट बैंक है और यहां भी मिनिमम बैलेंस के नियम थोड़े सख्त हैं।
- मेट्रो शहर में अकाउंट है, तो 10,000 रुपये रखना होगा।
- अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में यह लिमिट 2500 से 5000 रुपये के बीच होती है।
- गांवों में भी कम से कम 1000 रुपये रखना अनिवार्य है।
अगर अकाउंट में तय लिमिट से कम पैसा होगा, तो बैंक जुर्माना काट सकता है, वो भी खाते में पड़े पैसे से ही।
कितनी लग सकती है पेनेल्टी?
हर बैंक का जुर्माना अलग-अलग होता है। कुछ बैंक महीने के हिसाब से चार्ज करते हैं तो कुछ तिमाही आधार पर।
- पेनेल्टी 100 रुपये से शुरू होकर 600 रुपये तक जा सकती है।
- अगर आपने लंबे समय तक बैलेंस मेंटेन नहीं किया, तो जुर्माने की रकम बढ़ती जाती है।
इसलिए जरूरी है कि अपने खाते का बैलेंस समय-समय पर चेक करते रहें।
जीरो बैलेंस अकाउंट – एक अच्छा विकल्प
अगर आप इस झंझट से बचना चाहते हैं, तो जीरो बैलेंस अकाउंट आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है।
- इस अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती।
- अकाउंट तब भी एक्टिव रहता है जब उसमें एक भी पैसा ना हो।
- लेकिन ध्यान रहे, अगर आप लंबे समय तक लेन-देन नहीं करेंगे, तो बैंक अकाउंट को इनएक्टिव भी कर सकता है।
कई सरकारी और प्राइवेट बैंक जीरो बैलेंस अकाउंट की सुविधा देते हैं, खासकर जनधन योजना के तहत।
अगर आप बैंक के इन नियमों को नजरअंदाज करेंगे, तो जुर्माना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि समय रहते अपने खाते में जरूरी बैलेंस रखें या फिर जीरो बैलेंस अकाउंट में स्विच कर जाएं। और हां, समय-समय पर बैंक की वेबसाइट या ऐप से अपने अकाउंट की जानकारी लेते रहें ताकि कोई भी कटौती आपको सरप्राइज ना दे।