EPS-95 Pension – देशभर के EPS-95 पेंशनर्स के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जून 2025 में सरकार एक ऐसा फैसला ले सकती है जो लाखों बुजुर्गों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाएगा। दरअसल, लंबे समय से EPS पेंशनर्स मांग कर रहे हैं कि उन्हें न्यूनतम 7500 रुपये की मासिक पेंशन दी जाए, क्योंकि मौजूदा पेंशन में उनका गुजारा करना बहुत मुश्किल हो गया है। अब इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और संभावना है कि जल्द कोई ठोस ऐलान हो जाए।
EPS-95 योजना क्या है और किसे मिलती है पेंशन?
EPS-95 यानी Employee Pension Scheme 1995 एक ऐसी स्कीम है जिसे EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा चलाया जाता है। इस योजना का मकसद था कि निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन दी जाए ताकि उनकी बुजुर्गी की जिंदगी आराम से कट सके। लेकिन मौजूदा समय में बहुत सारे पेंशनर्स को सिर्फ 1000 से 3000 रुपये के बीच पेंशन मिल रही है। आप खुद सोचिए, आज के दौर में इतने पैसों में भला कैसे गुजारा हो सकता है?
क्यों उठ रही है 7500 रुपये की पेंशन की मांग?
महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। दवा, इलाज, राशन, बिजली का बिल, सब कुछ महंगा होता जा रहा है। ऐसे में अगर किसी बुजुर्ग को सिर्फ 1500-2000 रुपये की पेंशन मिल रही है, तो वो कैसे आत्मनिर्भर बन पाएगा? यही वजह है कि लाखों पेंशनर्स पिछले कई सालों से सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी न्यूनतम पेंशन को 7500 रुपये किया जाए ताकि वे सम्मान के साथ जिंदगी जी सकें।
क्या बदलाव हो सकते हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जून 2025 में सरकार EPS-95 पेंशन योजना में कुछ बड़े बदलाव कर सकती है। इन बदलावों में सबसे अहम है न्यूनतम पेंशन को 7500 रुपये करना। इसके अलावा, यह भी चर्चा है कि EPS पेंशनर्स को स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें इलाज में मदद मिल सके। पारिवारिक पेंशन को भी थोड़ा बढ़ाया जा सकता है और पेंशन की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जा सकता है ताकि पैसे सीधे पेंशनर्स के खाते में जाएं और कोई गड़बड़ी न हो।
पेंशनर्स पर क्या असर पड़ेगा?
अगर ये बदलाव लागू होते हैं तो देश के करीब 75 लाख EPS पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलेगा। जैसे कि गाजियाबाद के रामप्रसाद जी हैं जो अभी सिर्फ 1500 रुपये की पेंशन पाते हैं, इस पैसे से वे ठीक से दवा भी नहीं ले पाते। पटना की सावित्री देवी कहती हैं कि अगर पेंशन 7500 रुपये हो जाए तो उन्हें अपने बच्चों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यानी ये फैसला बुजुर्गों के आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को वापस ला सकता है।
सरकार की तैयारी और चुनौतियां
बिल्कुल साफ है कि इतनी बड़ी संख्या में पेंशनर्स को ज्यादा पैसा देना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। लेकिन इसके लिए सरकार कुछ रास्ते निकाल सकती है जैसे कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर खर्च उठाएं, EPFO के फंड का सही इस्तेमाल किया जाए और निजी कंपनियों से भी ज्यादा योगदान लिया जाए।
एक नजर में मौजूदा और संभावित बदलाव
विषय | अभी की व्यवस्था | संभावित बदलाव |
---|---|---|
न्यूनतम पेंशन राशि | 1000 से 3000 रुपये | 7500 रुपये |
परिवार पेंशन | कुल राशि का 50 फीसदी | 60-70 फीसदी |
स्वास्थ्य सुविधा | कोई खास लाभ नहीं | आयुष्मान भारत योजना से जुड़ाव |
भुगतान प्रणाली | बैंक के जरिए | पूरी तरह डिजिटल |
पेंशन में बढ़ोतरी | बहुत कम | हर साल महंगाई के हिसाब से |
आगे क्या हो सकता है?
अब ये मुद्दा संसद तक पहुंच चुका है। कई सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में EPS पेंशनर्स की आवाज उठाई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जून 2025 में इस पर अंतिम मुहर लग सकती है और पेंशनर्स को उनका हक मिल सकता है।
कुछ जरूरी सुझाव
- EPS पेंशनर्स को चाहिए कि अपने सारे दस्तावेज सही रखें
- बैंक खाता आधार से लिंक होना जरूरी है
- अपने नजदीकी पेंशनर एसोसिएशन से जुड़े रहें ताकि आपको समय-समय पर अपडेट मिलता रहे
EPS-95 पेंशनर्स के लिए 7500 रुपये की पेंशन सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद है। अगर सरकार इस फैसले को लागू करती है तो लाखों बुजुर्गों को राहत मिलेगी और वे आत्मनिर्भर बन पाएंगे। सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में जल्दी से कदम बढ़ाए ताकि इन बुजुर्गों को सम्मान की जिंदगी मिल सके।